जानिए सुजलॉन एनर्जी के Q4 FY25 के नतीजे कैसे हो सकते हैं। हमारे विश्लेषण में राजस्व, लाभ और इसकी मजबूत ऑर्डर बुक का प्रभाव शामिल है। suzlon Energy के नतीजे 29 मई, 2025 को अपेक्षित हैं।
जैसा कि, हम सब जानते है इन दिनों हर तरफ ग्रीन एनर्जी सेक्टर से जुड़ी एक ही कंपनी की चर्चा जोरो पर हो रही है और वह कंपनी NTPC Green energy या TATA Power Renewables Energy या फिर adani green नहीं है, बल्की वह है suzlon Energy।
चर्चाएं हो भी क्यों न, क्युकी भाई साहब, 2500% का पिछले पांच साल में रिटर्न जो इसने दिया है। और अब मार्केट भी रिवर्स घूम गया है और ऊपर से स्टॉक ने भी रिवर्सल ट्रेंड दिखा दिया है। और उससे भी बड़ी या फिर यू कहे कि, सोने पे सुहागा वाली बात ये है कि, अगले हफ्ते Suzlon Energy के चौथी तिमाही Q4 के साथ साथ वित्त वर्ष FY25 के नतीजे भी आने वाले हैं।
ऐसे में सुजलॉन एनर्जी शेयर खरीदने के बारे में मन विचार आना लाजमी है। लेकिन समझ नहीं आ रहा है कि, क्या इसे नतीजों से पहले खरीदना चाहिए? क्योंकि एक गलत फैसला किसी भी निवेशक के एक ही झटके में लगाए गए अमाउंट में से 10% अमाउंट उड़ा सकता। तो फिर क्या करे, कैसे रहेंगे Suzlon Energy के चौथी तिमाही के नतीजे? आइए चर्चा करते हैं।
Suzlon Energy के पहले तिमाही नतीजे कैसे थे?
चौथी तिमाही के नतीजे और पूरे साल का प्रदर्शन कैसा होगा। यह हम तभी समझ सकते है जब हम पिछले तिमाही के नतीजे समझेंगे।
अब देखो, पिछले तिमाही में यानी Q3 दिसंबर 2024 में सुजलॉन ने जबरदस्त 385 करोड़ मुनाफा कमाया है, जो पिछले Q3 दिसंबर 2023 से 90% ज्यादा है। क्योंकि पिछले दिसंबर 2023 के तिमाही में जहां कंपनी ने 203 करोड़ का शुद्ध लाभ कमाया था वह सीधा सीधा डबल हो चुका है। वहीं रेवेन्यू भी कंपनी ने बढ़िया बनाया है। यह भी पिछले तीसरी तिमाही से 91% फीसदी बढ़ा है। और यह 1553 करोड़ से सीधे 2968 करोड़ हुआ है।
ये तो हो गया साल दर साल YoY आधार पर कंपनी का प्रदर्शन। जो अच्छे से अच्छा प्रतीत हो रहा है। अब तिमाही दर तिमाही QoQ आधार पर देखे तो यह भी अच्छा है।
पिछली तिमाही के मुकाबले कंपनी ने 41 फीसदी ज्यादा रेवेन्यू जेनरेट किया। वही शुद्ध लाभ भी 90% ज्यादा कमाया। यानी सुजलॉन ने तिमाही दर तिमाही QoQ आधार पर हो, या फिर साल दर साल YoY आधार पर लगातार अपना प्रोफिट बढ़ाया है और रेवेन्यू भी बढ़ाया है।
सुजलॉन एनर्जी का EBITDA
EBITDA यानी ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की कंपनी की आय, जो 493.5 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है सुजलॉन एनर्जी की, जो कि साल-दर-साल 102% की वृद्धि दिखाती हैं। और कितना चाहिए ये भी तो ठीक से भी ठीक है।
कंपनी ने अपना पीएटी लगातार बढ़ाया है, ऑपरेटिंग प्रॉफिट लगातार बढ़ाया है। ऑपरेटिंग मार्जिन पिछले थोड़ी स्थिर है पर घटने नहीं दी। यानी पिछला कंपनी का जो ओवरऑल परफोर्मेंस है वो काफी अच्छा रहा है।
अब इसके पीछे की वजह है कंपनी का मजबूत ऑर्डर बुक!
Suzlon Energy के पास कितना ऑर्डर बुक है
इस समय सुजलॉन एनर्जी के पास उसके पूरे इतिहास में इतना बड़ा ऑर्डर बुक कभी नहीं मिला था। जितना अब उसके पास है। आप जानकर चौक जाएंगे कि, वर्तमान में Suzlon Energy के पास 5.9 गीगावाट का ऑर्डर बुक है।
और इस इसमें भी सबसे बड़ा ऑर्डर कंपनी के पास एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड का हैं, जो 1166 मेगावाट का है। इसके अलावा सनश्योर एनर्जी से 100.8 मेगावाट, एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी से एक और 378 मेगावाट और Jindal Renewables की सहायक कंपनी से भी ऑर्डर मिले है सुजलॉन एनर्जी को।
सबसे बड़ी बात तो ये है कि, Suzlon Energy के पास 5.9 गीगावाट का जो कुल ऑर्डर बुक है। इसमें से 59% ऑर्डर C&I (Commercial and Industrial) ग्राहकों से हैं।
अब जब इतने बड़े पैमाने पर कंपनी के पास ऑर्डर बुक है और उनमें से भी 59 फीसदी ऑर्डर C&I के है तो जाहिर सी बात है, कंपनी का नेट प्रॉफिट, रेवेन्यू, ऑपरेटिंग प्रॉफिट, साथ ही इन्हें पूरा करने के लिए खर्चा भी बढ़ेगा ही। यही वजह है कि, कंपनी के अभी तक जो नतीजे आए है वह शानदार आए हैं।
बढ़ती क्षमता और बेहतर निष्पादन
सुजलॉन एनर्जी ने हाल के समय में अपने विनिर्माण क्षमता रिकॉर्ड लेवल तक पहुंचाया। करीब Daman और Puducherry संयंत्रों में 4.5 GW वार्षिक क्षमता तक और बढ़ी हुई क्षमता के भरोसे कंपनी ने Q3 FY25 में रिकॉर्ड तिमाही डिलीवरी (447 MW) दर्ज की थी। यह Q4 में भी बेहतर निष्पादन का संकेत देता है।
सुजलॉन ने अपना कर्जा भी काफी घटाया है।
हां, भाई कंपनी ने अपने कर्ज को समय के साथ काफी घटाया है। पहले सुजलॉन पर कर्ज 2019-20 में 13,137 करोड़ रुपये पर था उसे वित्त वर्ष 20-21 में डेट 6859 करोड़ रुपये तक कम किया बाद में इसमें और कमी लाई वित्त वर्ष 22-23 में डेट 1905 करोड़ रुपये और अब 2023-24 में 18 गुना से भी ज्यादा कम करके महज 110 करोड़ रुपए तक लाया। यह मै नहीं बल्कि सीएनबीसी आवाज की रिपोर्ट कह रही है।
ऐसे में हम सब उम्मीद कर सकते हैं कि, आने वाले चौथी तिमाही के नतीजे अब तक के सबसे बेहतर होंगे। लेकिन ये सिर्फ एक अनुमान है क्योंकि, सुजलॉन एनर्जी का P/E अनुपात उद्योग के कुछ अन्य खिलाड़ियों की तुलना में काफी अधिक है, यानी लगभग 71 गुना अधिक है।
इसका मतलब यह है कि, जरा सी भी गलती सुजलॉन एनर्जी स्टॉक में तेज गिरावट ला सकती है। और जब P/E अनुपात इतना अधिक है तो, किसी प्रोजेक्ट में देरी करना कंपनी के स्टॉक पर सीधे असर डाल सकती है।
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कुल मिलाकर:
बात ये है कि, सुजलॉन एनर्जी के Q4 FY25 के नतीजों के सकारात्मक रहने की काफी उम्मीद है। क्योंकि मजबूत ऑर्डर बुक, बेहतर निष्पादन क्षमता और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए अनुकूल माहौल कंपनी के प्रदर्शन को बढ़ावा दे रहा है। फिर भी कुछ कहा नहीं जा सकता।