Special Report: 2025 से 2030 तक सुजलॉन एनर्जी का भविष्य कैसा रहेगा? निवेशकों के लिए Suzlon Energy Share की पूरी इनसाइड स्टोरी!

क्या Suzlon Energy शेयर 2025 से 2030 तक मल्टीबैगर बनेगा? जानिए सुजलॉन एनर्जी का भविष्य कैसा रहेगा, निवेशकों के लिए जोखिम और रिटर्न का विस्तृत विश्लेषण इस खास रिपोर्ट में।


Suzlon Energy Special Report: एक समय था जब सुजलॉन एनर्जी ₹13,003 करोड़ के भारी भरकम कर्ज के जाल में फंसी हुई थी और इसका शेयर भी ₹400 रुपए के स्तर से 99.50% गिरकर महज ₹2 रुपए पर आ कर कारोबार कर रहा था। किसी को भी इसकी उम्मीद नहीं थी स्टॉक इन सबको मात दे कर दिन कर्ज मुक्त हो जाएंगी और सुजलॉन एनर्जी शेयर प्राइस भी ₹2 रुपए से रिकवर हो कर एक बार फिर मार्केट में तहलका मचाएगा तथा सुजलॉन एनर्जी का भविष्य दुबारा सुनहरा होगा।

लेकिन ये सब मुमकिन हो पाया सुजलॉन के मैनेजमेंट टीम मेंबर्स के लगन के चलते। ग्रीन एनर्जी की बढ़ती मांग और सरकारी समर्थन के बाद सुजलॉन एनर्जी ने ज़बरदस्त वापसी की और इसका भविष्य जो एक समय पर अंधकार से घिरा हुआ था, वो एक बार फिर चमकने लगा। जिससे सुजलॉन एनर्जी शेयर एक बार फिर मार्केट एक्सपर्ट से लेकर निवेशकों के रडार पर आया। और इसने ₹2 रुपए से रिकवरी करते हुए महज 5 साल में (2019- 24) में 4000% का रिकॉर्ड मल्टीबैगर रिटर्न निवेशकों को कमा कर दिया साथ ही इसी अवधि में अपने ₹13,003 करोड़ रुपए के कर्ज को लगभग खत्म करके कंपनी को एक बार फिर मुनाफे में ला कर खड़ा कर दिया।

इस शानदार प्रदर्शन के बाद हर निवेशक के मन में सुजलॉन एनर्जी के भविष्य के बारे में जानना और दिलचस्प हो जाता हैं कि, आगे सुजलॉन एनर्जी का भविष्य कैसा है? तो ऐसे में सुजलॉन एनर्जी का फ्यूचर क्या है? इसकी ये greenenergyshare.in की खास रिपोर्ट:

Suzlon Energy Limited के बारे में

Suzlon Energy Limited
Suzlon Energy Limited Logo

Suzlon Energy भारत की एक अग्रणी पवन ऊर्जा कंपनी है, जिसकी स्थापना तुलसी टंटी ने 1995 में की थी। टैक्सटाइल उद्योग में बढ़ते बिजली खर्च को देखते हुए टंटी ने स्वयं के कपड़ा संयंत्र के लिए पवन ऊर्जा से बिजली पैदा करने की पहल की, और इसी विश्वास पर Suzlon Energy की नींव रखी गई। आज Suzlon Group विंड एनर्जी का एक ब्रांड बन चुकी हैं। जिसके विश्व के लगभग 17 देशों में कुल 20.9 GW पवन बिजली परियोजनाएँ हैं।

29 वर्षों के अनुभव और 7700 से अधिक कर्मचारियों के साथ Suzlon ने भारत में अपनी अलग पहचान बनाई है। Suzlon Energy ने महज पिछले एक दशक में ही भारत और विदेशों में बड़ी क्रयशक्ति हासिल की है, जिससे Suzlon Energy का भविष्य कैसा है इस प्रश्न का जवाब जवाब जानना निवेशकों के लिए और भी जरूरी हो जाता है।

सुजलॉन एनर्जी का भविष्य कैसा है इसका जवाब छुपा है इसके हालिया वित्तीय प्रदर्शन और शेयर मूल्य इतिहास में

सुजलॉन एनर्जी के फ्यूचर के बारे में संक्षिप्त शब्दो में जानकारी देता है इसका हालिया वित्तीय प्रदर्शन और शेयर मूल्य इतिहास। जैसा कि, हम पहले जिक्र कर चुके हैं कि कंपनी पर ₹13,003 करोड़ रुपए का एक समय पर भारी डेट था। जो अब पूरी तरह से खत्म हो चुका है। यानी कि, पिछले कुछ वर्षों में Suzlon Energy ने कड़ा वित्तीय सुधार दिखाया है। FY2023-24 में कंपनी ने अपनी मौजूदा ऋण राशि शून्य कर दी और संचालन दक्षता में सुधार करके अपने इतिहास का सबसे ऊँचा ऑर्डर बुक बनाया।

इसी अवधि में Suzlon का शुद्ध लाभ (PAT) ₹2,072 करोड़ तक पहुँच गया था। जो पिछले वर्ष से 214.7% अधिक था। वहीं इस साल मार्च 2025 तिमाही (Q4 FY25) की बात करें तो, इस चौथी तिमाही Q4 FY25 में सुजलॉन एनर्जी का संकुलित शुद्ध लाभ ₹1,182.22 करोड़ रहा, जो पिछली वर्ष की समान तिमाही की तुलना में 365% अधिक है। साथ सुजलॉन एनर्जी का राजस्व भी इसी अवधि में 73% बढ़कर ₹3,773.54 करोड़ हो गया। इस जबरदस्त प्रदर्शन ने निवेशकों को खुश किया – और उसका असर Suzlon Energy Share पर भी दिखा और Q4 के नतीजों के बाद Suzlon Energy Share का प्रीमियम 13% तक उछल गया।

Suzlon Energy को जबरदस्त मुनाफा, चौथी तिमाही में 365% की उछाल, सालाना कमाई ₹10,800 करोड़ के पार 

Suzlon Energy Share Price Performance History

सुजलॉन एनर्जी के वित्तीय हालात में सुधार का असर इतना शानदार रहा कि, सुजलॉन एनर्जी शेयर जो ₹400 रुपए से 99.95% गिरकर 2019 में ₹1.50 रुपए पर पहुंचा इसमें जबरदस्त उछाल आया और सुजलॉन एनर्जी शेयर महज 5 साल में ही ₹2 रुपए 4000% उछलकर ₹82 रुपए को पार कर गया। हालांकि इसके बाद सेंसेक्स निफ्टी आदि में गिरावट आई, जिसका असर सुजलॉन एनर्जी शेयर पर भी दिखा और इसमें भी मुनाफा वसूली आई जिससे शेयर ₹86.04 रुपए के अपने 52 week high से गिरकर ₹46.15 रुपए के 52 week low पर पहुंच गया।

लेकिन अब अप्रैल से इसमें एक बार फिर रिकवरी आई और शेयर ने एक बार फिर छलांग लगा दी। इसबार चौथी तिमाही के नतीजों के चलते शेयर ने 75 का नया high जून के शुरुआत में ही छू लिया। और अब थोड़ी गिरावट के साथ यह ₹65 रुपए के आस पास कारोबार कर रहा है।

Suzlon Energy Share Price Performance History
Suzlon Energy Share Price Performance History

एक साल पहले की तुलना में (FY24 में) शेयर्स लगभग 300% की बढ़त पर रहे। ₹400 से 99.95% गिरकर ₹2 रुपए पर आना और महज 5 साल में 4000% तेजी के साथ ₹2 रुपए से सीधा ₹86 रुपए पर पहुंचना, ये दर्शाता है कि, आगे भी सुजलॉन एनर्जी का फ्यूचर काफी अच्छा रहेगा। ऐसा शेयर के प्रदर्शन से ही पता चलता है। साथ ही सुजलॉन एनर्जी शेयर प्राइस का भविष्य भी शानदार रहने की उम्मीद ज्यादा है।

Q4 नतीजों के बाद Suzlon Energy के शेयरों ने लगाई 12.68% की ज़बरदस्त छलांग!

रिकॉर्ड ऑर्डर बुक और क्लाइंट बेस से सुजलॉन एनर्जी का भविष्य उज्वल

सुजलॉन के पास इस समय इतिहास का सबसे बड़ा ऑर्डर बुक है। इतना ही नही Suzlon Energy का ये ऑर्डर काफी मजबूत भी है। सुजलॉन एनर्जी की ऑफिसियल वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार, वर्तमान में कंपनी सुजलॉन एनर्जी के पास 5.9 GW का कुल ऑर्डर बुक है। लेकिन खास बात तो ये है कि, इसमें अधिकांश ऑर्डर वाणिज्यिक एवं औद्योगिक (C\&I) ग्राहकों से हैं (लगभग 59%)।

Suzlon currently has the largest order book in its history.
Suzlon currently has the largest order book in its history.

NTPC Green Energy: सुजलॉन एनर्जी के पास वर्तमान में सबसे बड़ा ऑर्डर बुक NTPC Green Energy का है। जो 1,166 MW साइज का है। कंपनी को बड़ा ऑर्डर ग्रामीण गुजरात में तीन परियोजनाओं के लिए मिला है। जिसके तहत सुजलॉन एनर्जी को यहां 370 S144 टरबाइन  लगाने है जिसकी क्षमता 3.15 MW प्रत्येक, HLT टावर सहित है।

Jindal Renewables/Jindal Steel: दूसरा सबसे बड़ा ऑर्डर Jindal Renewables/Jindal Steel से मिला है। ये कुल 907.20 MW (400 MW + 302.4 MW + 204.75 MW) के संयोजन का है, इसके बारे में कहा जा सकता है कि, ये Suzlon का अब तक का सबसे बड़ा C\&I ऑर्डर है। इसमें Suzlon को 65+96+127 S144 टरबाइन Hybrid Lattice टावर के साथ भेजेगा।

आदित्य बिड़ला समूह: ने अपने लिए 551.25 MW ऊर्जा का ऑर्डर सुजलॉन एनर्जी को दिया है, जिसमें राजस्थान और गुजरात में 175 S144 टरबाइन लगाए जाएंगे।

अन्य: इन बड़े ऑर्डर बुक के अलावा सूजलॉन एनर्जी के पास Juniper Green Energy से 402 MW; AMPIN Energy से 103.95 MW; और Oyster Green, Sunsure Energy आदि से सौ से अधिक मेगावाट के ऑर्डर मिले हैं। कुल मिलाकर Suzlon Energy Total Order Book 5.9 GW का है। जो इतिहास में सबसे ऊँची संख्या है।

इन बड़े ऑर्डरों से Suzlon का वर्क बुक पहले की तुलना में काफी व्यापक हो गया है। Jindal Renewables/Steel एवं NTPC Green जैसी बड़ी कंपनियों को अपना ग्राहक बनाना ये दर्शाता हैं कि, सुजलॉन एनर्जी के साथ साथ सुजलॉन एनर्जी शेयर का भी भविष्य सिर्फ 2025 के लिए ही नहीं बल्कि 2026, 2027, 2028, 2029 और 2030 तक के लिए तो शानदार ही शानदार नजर आ रहा है।

Suzlon Energy future में technological innovation का भी बहुत बड़ा हाथ

तकनीकी नवाचार (technological innovation) जैसे S144 टरबाइन का विकसित करना और इसकी ही मांग सबसे ज्यादा दिखाती हैं कि, Suzlon Energy future में अच्छा इसलिए कर पाएंगी क्योंकि इसने न सिर्फ आयात की गई तकनीक पर अपने प्रोजेक्ट पूरे कर रही बल्कि खुद की तकनीक से विकसित किए पवन टरबाइन भी इस्तमाल कर रही हैं। आसान तरीके से समझे तो, Suzlon ने तकनीक में भी महत्वपूर्ण निवेश किया है। कंपनी ने S144 3 MW Series टरबाइन विकसित की है, जो भारत की सबसे बड़ी पवन टरबाइनों में से एक है।

Suzlon Energy S144 Wind turbine
Suzlon Energy S144 Wind turbine

इस S144 टरबाइन में 144 मीटर का रोटर होता है (जिसका क्षेत्रफल 16,618 वर्गमीटर से अधिक है), और यह 70 मीटर तक के कार्बन-फाइबर ब्लेड से लैस है। इसे 140–160 मीटर हब ऊँचाई पर स्थापित किया जा सकता है, जिससे कम हवा वाले क्षेत्रों में भी अधिक ऊर्जा उत्पादित हो सके। नवंबर 2023 में मंत्रालय ने इस S144 सीरीज को मॉडल-निर्माता सूची (RLMM) में शामिल किया, जिसे Suzlon के लिए व्यवसायीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण चरण माना जा रहा है।

इसके अलावा Suzlon ने Hybrid Lattice Tubular (HLT) टावर तकनीक भी अपनाई है। अब इसे ऐसे समझते हैं कि, Hybrid Lattice Tubular (HLT) टावर में जालीदार बेस के ऊपर सॉलिड ट्यूबुलर सेक्शन होता है, जिससे ऊँची ऊँचाई पर हल्के वजन में टावर खड़ा करना आसान होता है। उदाहरण के लिए, हाल ही में Suzlon के नए ऑर्डर में 65 S144 टरबाइन HLT टावर के साथ प्रयोग होंगे (प्रत्येक 3.15 MW क्षमता)। इसी तरह 400 MW के Jindal ऑर्डर में 127 S144 टरबाइन HLT टावर सहित लगाए जाएंगे।

ये तकनीकी नवाचार Suzlon को कम हवा वाले स्थलों में प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद कर रहे हैं। इसलिए हम कह सकते हैं कि, सुजलॉन एनर्जी के भविष्य में तकनीकी इनोवेशन का भी बहुत बड़ा हाथ है और ये आगे भी भविष्य में रहने वाला है।

भारत सरकार का ग्रीन एनर्जी लक्ष्य और नीति समर्थन

भारत सरकार ने ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के लिए जीवाश्म ऊर्जा पर की निर्भरता कम करने के हरित ऊर्जा क्षेत्र में बड़े लक्ष्य रखे हैं। पंचामृत योजना के तहत भारत सरकार 2030 तक कुल 500 GW गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता हासिल करने का लक्ष्य है। जनवरी 2025 तक देश में 217.62 GW गैर-जीवाश्म क्षमता स्थापित हो चुकी थी। जो अब तक के भारत के इतिहास में सबसे बड़ी उपलब्धी है। यानी भारत सरकार देश को green energy hub बनाना चाहती है और इसके वह हर संभव कोशिश कर रही है।

बिजली मंत्रालय ने हाल के वर्षों में सौर ऊर्जा में तीव्र वृद्धि की योजना बनाई है – 2024 में अकेले 24.5 GW सौर और 3.4 GW पवन क्षमता जोड़ी गई। इतना ही नहीं सरकार घरेलू विनिर्माण को भी बढ़ावा दे रही है (PLI स्कीम, सूर्य घर योजना, सौर पंप योजना आदि) और पवन उर्जा के पुराने स्टेशनों के रिपावरिंग पर भी जोर दे रही है।

Indian Government's Green Energy Goals and Policy Support
Indian Government’s Green Energy Goals and Policy Support

सरकार के नवीनतम पॉलिसी में “रिपावरिंग एवं लाइफ एक्सटेंशन नीति 2023” लागू हुई है, जिसके अंतर्गत 2 MW से कम क्षमता वाले पुराने टरबाइन (लगभग 25.4 GW संभावना) का उन्नयन करके बिजली उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। सरकार के इन लक्ष्यों और नीतिगत सहयोग से Suzlon के लिए घरेलू बाजार में भविष्य में और तेजी से बढ़ने की संभावना है। Suzlon जैसी कंपनियां, जो पवन ऊर्जा में अग्रणी हैं और इस क्षेत्र में विशेषज्ञता रखती है। वह अब भारत के लिए उपयुक्त तकनीक विकसित कर रही हैं, और इन नीतियों से बाकी ग्रीन एनर्जी कंपनियों की तरह ही प्रत्यक्ष लाभ उठा सकती हैं।

सुजलॉन कंपनी का कर्ज प्रबंधन और पुनरुद्धार

पिछले कुछ वर्षों में Suzlon ने अपने ऋण स्तर को नाटकीय रूप से घटाने में कामयाब रही है। अगस्त 2022 में कंपनी ने ₹2,000 करोड़ का QIP जारी किया, जिसमें से लगभग ₹1,500 करोड़ का उपयोग ऋण चुकाने में कंपनी ने किया। इसके परिणामस्वरूप FY2023-24 में Suzlon “ऋण-मुक्त” घोषित हो गई। क्रिसिल ने भी दिसंबर 2024 में Suzlon का क्रेडिट रेटिंग ‘A’ पर अपग्रेड की, यह कहते हुए कि कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन मजबूत और प्रॉफिटेबिलिटी सुधरी है। CFO हिमांशु मोदी के अनुसार, सेंट्रल टीम द्वारा खर्च पर नियंत्रण और कसकर बजट प्रबंधन ने भी मदद की है।

सुजलॉन के इस वित्तीय अनुशासन के फलस्वरूप Suzlon का नेट वर्थ पहली बार एक दशक में सकारात्मक हुआ। FY23 में शुद्ध ऋण लगभग –₹1,180 करोड़ था, जो FY24 में +₹1,148 करोड़ शुद्ध नकदी में बदल गया। यानी कम्पनी का नेट कैश पोजीटिव हो गया है। कुल मिलाकर, कर्ज प्रबंधन में यह सुधार और लागत नियंत्रण ने Suzlon Energy को वित्तीय रूप से सबल बनाया है।

सुजलॉन एनर्जी के भविष्य के लिए विश्लेषकों के शेयर मूल्य अनुमान (2025–2030)

न्यूज़ रिपोर्टों के अनुसार, शेयर बाजार विश्लेषक Suzlon के शेयर के लिए मध्यमावधि में सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं। Trendlyne के आंकड़ों के मुताबिक Suzlon के 8 विश्लेषकों का औसत लक्ष्य मूल्य लगभग ₹70 था जो, मई के अंत में ही पूरा हो चुका है। वर्तमान में सुजलॉन एनर्जी शेयर की कीमत को देखते हुए इस अनुमान में सीमित उछाल दिख रहा था, और अधिकांश विश्लेषक इसे “स्ट्रॉन्ग बाय” रेटिंग दे रहे थे। हालांकि ये लक्ष्य 2025 के आसपास के लिए हैं और दीर्घकाल (2030 तक) के लिए कोई पक्का पूर्वानुमान नहीं है। दीर्घावधि में Suzlon के शेयर की कीमत कई कारकों पर निर्भर करेगी:

भारत में पवन ऊर्जा की विकास दर, कंपनी के और आदेश तथा परियोजनाओं की सफलता, और समग्र बाजार की स्थिति। फिलहाल उपलब्ध जानकारी से संकेत मिलता है कि विशेषज्ञों का विश्वास कंपनी की चालू क्षमताओं में बना हुआ है।

2025 में सुजलॉन का भविष्य क्या है? टारगेट देखें और खुद फैसला करें!

सालन्यूनतम टारगेटअधिकतम टारगेटऔसत टारगेट
202560.2588.0770.50
202685.75105.3078.00
202798.20170.23120.80
2030200.80257.00219.42

निवेशकों के लिए जोखिम और अवसर

सुजलॉन के भविष्य के जोखिमों के बारे में देखे तो, Suzlon एक समय पर भारी ऋण, कड़ी प्रतिस्पर्धा और नीति परिवर्तन जैसे जोखिमों से जूझ चुकी है। उदाहरण के लिए, दस साल पहले कंपनी ₹13,003 करोड़ रुपए के भारी कर्ज के बोझ तले दब गई थी। अब वह उससे उभर चुकी हैं।

अभी निवेशकों को ध्यान रखना चाहिए कि यदि वैश्विक बाजार या नीतिगत माहौल में उतार-चढ़ाव आए, तो परियोजनाएँ पूरी करने में देर हो सकती हैं। इसके अलावा, भले ही वर्तमान में Suzlon का ऋण कम है, अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धियों (जैसे Inox Wind/Vestas) की चुनौतियाँ बनी हुई हैं। पवन क्षेत्रों में भूमि उपलब्धता और ट्रांसमिशन शुल्क जैसी अव्यवस्थाएँ भी जोखिम पैदा कर सकती हैं। इसलिए सुजलॉन एनर्जी के भविष्य को ये कुछ प्रमुख चुनौतियां हैं।

वहीं सुजलॉन के भविष्य के अवसरों की बात करें तो, भारत के उर्जा लक्ष्य और Suzlon Energy की मजबूत स्थिति मिलकर अच्छे अवसर देते हैं। केंद्र सरकार के 2030 तक 500 GW लक्ष्य के चलते लगातार नई परियोजनाएँ 2030 आती जाएंगी जिसका लाभ सुजलॉन एनर्जी को भी मिलेगा और जिससे Suzlon Energy को अपने ऑर्डरों में वृद्धि का मौका मिलेगा। साथ ही, सरकार की नई रिपावरिंग नीति के अंतर्गत लगभग 25 GW पुराने टरबाइनों को अपग्रेड करने का अवसर है।

यदि इन परियोजनाओं का 30% भी हिस्सा कंपनी को मिलता तो, सुजलॉन एनर्जी के भविष्य में चार चांद लग जाएंगे। Suzlon हाल ही में बुजुर्ग पवन चक्कियों की उत्पादकता बढ़ाने का नया उत्पाद विकसित कर रही है, जो 2027–28 में इस सेगमेंट में गति ला सकता है। कंपनी द्वारा O\&M क्षेत्र में Renom जैसी कंपनियों में निवेश (largest multi-brand O\&M service) ने भी दीर्घकालिक आवर्ती राजस्व बढ़ाया है। कुल मिलाकर, नीतिगत समर्थन और तकनीकी नवाचार Suzlon Energy को लंबे समय में लाभान्वित कर सकते हैं।

दीर्घकालिक निवेश दृष्टिकोण

दीर्घकालीन दृष्टि से Suzlon Energy का भविष्य कैसा है इस पर निर्णय एक संतुलित विचार मांगेगा। कंपनी ने हाल ही में महत्वपूर्ण वित्तीय और परिचालन सुधार किए हैं और मजबूत ऑर्डर बुक तैयार की है। भारत सरकार की पवन ऊर्जा योजनाएँ जब पूरी रफ्तार से लागू होंगी, तो Suzlon इसका प्रमुख लाभार्थी हो सकता है।

निवेशकों को यह ध्यान रखना होगा कि, हरित ऊर्जा उद्योग चक्रीय हो सकता है – यदि परियोजनाओं की अस्थिरता या नए प्रतियोगियों का मार्केट में आना इस क्षेत्र में सुजलॉन के लिए स्पर्धा कराएगा, जिससे कंपनी के विकास पर दबाव आ सकता है। हालांकि, यदि Suzlon योजनानुसार कार्य करता है और सरकार के 500 GW लक्ष्य में योगदान देता है, तो दीर्घावधि में यह स्टॉक अच्छा रिटर्न दे सकता है। वर्तमान प्रदर्शन के आधार पर देखा जाए, तो Suzlon Energy का भविष्य सकारात्मक दिखाई देता है, बशर्ते कंपनी निरंतर सुधार करती रहे और भारत की ऊर्जा नीति स्थिर बनी रहे। निवेशक अपनी रिस्क प्रोफ़ाइल के अनुसार Suzlon के दीर्घकालिक अवसरों को परख सकते हैं और रणनीतिक दृष्टि से निर्णय ले सकते हैं।

यदि सुजलॉन एक बार फिर तेज रफ्तार पकड़ती है तो सुजलॉन एनर्जी शेयर प्राइस एक बार फिर भविष्य में ₹400 रुपए का स्तर दिखा सकते हैं। कुल मिलाकर सभी जानकारी के आधार पर सुजलॉन एनर्जी का भविष्य काफी शानदार नजर आता है।

Block Deal: Suzlon Energy Share में सोमवार को हो सकती बड़ी डील, प्रमोटर्स बेच सकते हैं 20 करोड़ शेयर

डिस्क्लेमर: यह लेख GreenEnergyShare.in पर निवेशकों को जानकारी देने के लिए है। Suzlon Energy Share में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें। शेयर मार्केट में निवेश जोखिमों के अधीन है।

सोर्स: इकोनोमिक टाइम्स, इंडिया टुडे, एनडीटीवी प्रॉफिट, रॉयटर्स, बिजनेस स्टैंडर्ड

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