एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (NGEL) ने सरित माहेश्वरी को अपना नया CEO नियुक्त किया है। यह बदलाव निवेशकों के लिए क्या संकेत देता है? नए नेतृत्व और हरित ऊर्जा सेक्टर पर इसके प्रभाव के बारे में पढ़ें

एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के सीईओ कौन है: ग्रीन एनर्जी सेक्टर की दिग्गज कंपनी एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (NTPC Green Energy) ने 10 मई, 2025 को अपनी बोर्ड मीटिंग में अपने Top Management में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए, सरित माहेश्वरी को NTPC Green Energy कंपनी का नया मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) नियुक्त किया है। वह निवर्तमान CEO राजीव गुप्ता का स्थान लेंगे।
अब सरित माहेश्वरी एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के नए CEO है
कंपनी द्वारा 10 मई को जारी किए गए नियामक फाइलिंग के अनुसार, यह जानकारी साझा की गई है कि, कंपनी के शीर्ष प्रबंधन में 10 मई को बदलाव किया है और यह बदलाव 10 मई, 2025 से ही प्रभावी हो गया है। NGEL के निदेशक मंडल ने शनिवार को हुई अपनी बोर्ड मीटिंग में राजीव गुप्ता को CEO पद से हटाने की मंजूरी दी, जो 10 मई, 2025 से प्रभावी है। तथा इसी बैठक में यह भी घोषित किया गया कि, निदेशक मंडल ने सरित माहेश्वरी को भी 10 मई, 2025 से NTPC Green Energy कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में नियुक्त करने को मंजूरी दी।
NTPC Green Energy Limited के नए CEO सरित माहेश्वरी: अनुभव का सफर
बिजनेस स्टैंडर्ड के रिपोर्ट के मुताबिक, एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के नए CEO सरित माहेश्वरी बिजली क्षेत्र में 35 वर्षों का व्यापक अनुभव रखते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, अपने 35 वर्ष के इस व्यापक अनुभव अवधि में उन्होंने इस उद्योग के विभिन्न पदों पर काम किया है। नियामक फाइलिंग में मिली जानकारी के अनुसार, पता चलता है कि, सीईओ सरित माहेश्वरी इससे पहले एनटीपीसी के भीतर कोरबा परियोजना के प्रमुख जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं। कहा जा रहा है कि, उनका यह 35 वर्ष का अनुभव एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी (NGEL) के भविष्य के परिचालन और विकास के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है और कंपनी उनके नेतृत्व में और अच्छा प्रदर्शन कर सकती है।
NTPC Green Energy में बदलाव शेयरधारकों और निवेशकों के लिए क्या संकेत देता हैं?
किसी भी कंपनी के शीर्ष नेतृत्व में बदलाव होना हमेशा कई तरह के अच्छे और बुरे संकेत देता है। यह संकेत शेयरधारकों और निवेशकों के लिए काफी कुछ बताने में मदद करते हैं। एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी स्टॉक के मामले में, इस बदलाव के पॉजिटिव और नेगेटिव पहलू इस प्रकार हैं:
पॉजिटिव पहलू:
- अनुभव का लाभ: NTPC Green Energy limited के नव नियुक्त सीईओ सरित माहेश्वरी के 35 साल का इस क्षेत्र से जुड़ा विशाल अनुभव है। खासकर बिजली क्षेत्र में बड़े प्रोजेक्ट्स को संभालने का उनका पिछला अनुभव (जैसे कोरबा परियोजना), देश की दिग्गज कंपनी एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी के लिए फायदेमंद हो सकता है। इस अनुभव के बल पर कंपनी अपने महत्वपूर्ण हरित ऊर्जा परियोजनाओं को समय पर और कुशलता से निष्पादित करने में कामयाब हो सकती हैं, जो कि Green Energy Sector में विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
- निरंतरताऔरसामंजस्य: सीईओ सरित माहेश्वरी इस कंपनी में कई सालों से अपनी सेवा दे रहे हैं। उनका एनटीपीसी के साथ लंबा और पुराना जुड़ाव होने के कारण वे कंपनी की संस्कृति, परिचालन शैली और parent company (NTPC) के रणनीतिक लक्ष्यों से अच्छी तरह से परिचित होंगे। इसलिए NTPC Green Energy limited के शीर्ष मंडल में यह बदलाव सुगम बन सकता है और parent company के साथ बेहतर तालमेल सुनिश्चित कर सकता है।
- ताजा दृष्टिकोण: कंपनी में नए वित्त वर्ष के शुरुआत में यह बदलाव करना कंपनी की रणनीतियों और कार्यप्रणाली में ताजा दृष्टिकोण ला सकता है, जिससे नई संभावनाएं खुल सकती हैं या मौजूदा चुनौतियों से निपटने के बेहतर तरीके सामने आ सकते हैं।
- निवेशकों का विश्वास: कंपनी ने में ही कई सालों से सेवा देने वाले और उसी क्षेत्र में 35 वर्षों का लंबा अनुभव रखने वाले एक अनुभवी लीडर का सीईओ बन कर आना निवेशकों को कंपनी के भविष्य के विकास पथ और निष्पादन क्षमता के प्रति आश्वस्त कर सकता है, खासकर ऐसे समय में जब ग्रीन एनर्जी सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है।
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संभावित नकारात्मक पहलू
- हरित ऊर्जा में विशिष्ट अनुभव: जिस तरह से इस बदलाव के सकारत्मक पहलू है, ठीक उसी तरह से इस बदलाव के नकारात्मक पहलू भी है। जैसे कि, सरित माहेश्वरी का बिजली क्षेत्र में अनुभव प्रभावशाली है, लेकिन यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि उनका 35 वर्षों का अनुभव हरित ऊर्जा क्षेत्र की विशिष्ट चुनौतियों (जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की रुक-रुक कर आपूर्ति, बैटरी स्टोरेज जैसी नई तकनीकें, और संबंधित नीतियां) के लिए कितना प्रासंगिक साबित हो सकता है। क्युकी NTPC Green Energy limited के नव नियुक्त सीईओ सरित माहेश्वरी का पिछला जो कार्यक्षेत्र रहा है वह, पारंपरिक बिजली क्षेत्र से रहा है। (हालांकि यह पूरी जानकारी नहीं है कि उन्होंने हरित ऊर्जा में काम किया है या नहीं)।
- रणनीतिक अनिश्चितता: जैसा हमेशा से ही हर क्षेत्र में ऐसा हुआ है। नेतृत्व में बदलाव हमेशा कुछ हद तक अनिश्चितता लाता है। यह स्पष्ट होने में समय लग सकता है कि, यह बदलाव अच्छा हुआ या नहीं। नए CEO की प्राथमिकताएं क्या होंगी, क्या मौजूदा रणनीतियों में बड़े बदलाव किए जाएंगे, और क्या इससे चल रही परियोजनाओं पर कोई असर पड़ेगा। यह हमेशा आने वाला समय ही बताता है।
- अचानक बदलाव का कारण: बता दें कि, एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के पुराने सीईओ राजीव गुप्ता को क्यों हटाया गया। इसका नियामक फाइलिंग में कोई विशेष कारण नहीं बताया गया है। यदि यह बदलाव किसी प्रदर्शन संबंधी मुद्दे के कारण हुआ है, तो यह एक चिंता का विषय हो सकता है। हालांकि, यह एक सामान्य संगठनात्मक बदलाव भी हो सकता है। स्थिति स्पष्ट नहीं है।
हालांकि, NTPC Green Energy limited में सरित माहेश्वरी की नए CEO के रूप नियुक्ति होना, एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। उनके 35 साल के व्यापक अनुभव से और उनका पहले से ही इसी कंपनी से जुड़ाव होने से NTPC Green Energy को बड़े प्रोजेक्ट्स को संभालने में लाभ होने की उम्मीद है।
लेकिन फिर, green energy क्षेत्र की विशिष्टताओं में उनके अनुभव का स्तर और उनके नेतृत्व में कंपनी की भविष्य की रणनीतियां क्या होंगी, यह आने वाला समय ही बता सकता है। जो निवेशक एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी के शेयरों में निवेश की सोच रहे हैं, या फिर जिन्होंने निवेश किया है। उन्हें आने वाले समय में कंपनी के प्रदर्शन और नए CEO के बयानों पर बारीकी से नज़र रखनी चाहिए ताकि इस बदलाव के दीर्घकालिक प्रभावों का आकलन किया जा सके और अपने जोखिमों को कम किया जा सके।