म्यूचुअल फंड्स ने Adani Green Energy में 16% से अधिक हिस्सेदारी घटाई। अडानी ग्रीन एनर्जी से म्यूचुअल फंड्स ने अप्रैल में 0.48 लाख से अधिक शेयर बेचे। जानिए पूरा मामला
नवभारत टाइम्स और न्यूज18 ने हाल ही में एक खबर प्रकाशित की, जिसमें कहा गया है कि, अप्रैल 2025 में म्यूचुअल फंड्स ने अडानी ग्रुप की प्रमुख कम्पनियां अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस, अडानी एंटरप्राइजेज से निवेश निकाला है, जबकि अडानी पावर में निवेश अपना निवेश बढ़ाया है।
म्यूचुअल फंड्स ने Adani Green Energy ने 16.34% की कटौती की
रिपोर्ट के मुताबिक, अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy) में देश के प्रमुख म्यूचुअल फंड्स ने अपनी हिस्सेदारी में भारी कटौती की है। जानकारी है कि, म्यूचुअल फंड्स ने अडानी ग्रीन एनर्जी ने 16.34% की कटौती की है। मार्च में जहां अदानी ग्रीन एनर्जी के 1.63 करोड़ शेयर म्यूचुअल फंड्स के पास थे, वहीं अप्रैल में यह संख्या घटकर 1.37 करोड़ रह गई। यानी एक महीने में ही म्यूचुअल फंड्स ने करीब 0.48 लाख से ज्यादा शेयर बेच दिए हैं।
ETMutualFunds के आंकड़ों के अनुसार, म्यूचुअल फंड्स ने अडानी ग्रुप की प्रमुख 10 कंपनियों में जैसा अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस, अडानी एंटरप्राइजेज से निवेश निकाला है, वही ETMutualFunds ने अडानी पावर में निवेश अपना निवेश बढ़ाया है।
SBI म्यूचुअल फंड अभी भी अडानी ग्रीन एनर्जी का सबसे बड़ा निवेशक
हालांकि अच्छी बात यह है कि, SBI म्यूचुअल फंड अभी भी अडानी ग्रीन एनर्जी का सबसे बड़ा निवेशक बना हुआ है, जिसकी अदानी ग्रीन एनर्जी में हिस्सेदारी करीब 224.19 करोड़ रुपये है। SBI म्यूचुअल फंड के बाद सबसे बड़ी हिस्सेदारी कोटक म्यूचुअल फंड की है, जिसके पास अदानी ग्रीन एनर्जी के करीब 188.10 करोड़ रुपये के शेयर है। मतलब इतने पैसा कोटक म्यूचुअल फंड ने अडानी ग्रीन एनर्जी में निवेश किया हुआ है।
अप्रैल में जब शेयरों की संख्या घटी, तब अडानी ग्रीन एनर्जी के इन शेयरों का कुल मूल्य लगभग 1,234 करोड़ रुपये था।
इन कारणों से आया था अडानी ग्रुप के शेयरों में उछाल
बता दे कि, अडानी ग्रुप के लगभग सभी शेयरों में हाल ही में उछाल देखा गया। इसके पीछे की वजह भारत पाकिस्तान में सीज फायर डील का होना, पॉजिटिव ग्लोबल सेंटीमेंट और गौतम अडानी और उनकी टीम का अमेरिकी प्रशासन के अधिकारियों से मुलाकात करना बताया जाता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, खबर आई थी कि, अदानी ग्रुप खुद पर लगे रिश्वतखोरी के आरोपों को हटाने के लिए और जांच को स्थगित करने के लिए अदानी ग्रुप अमेरिकी प्रशासन के अधिकारियों से मिला। जिसमें रिश्वतखोरी जैसे आपराधिक आरोपों को हटाने की कोशिशें की जा रही हैं। ब्लूमबर्ग की इस रिपोर्ट ने बाजार में हलचल मचा दी है, जिससे शेयरों पर भी असर पड़ा है।
क्या अदाणी ग्रीन में निवेश करना अच्छा है?
अगर आपने भी अदानी ग्रुप के बाकी कंपनियों के साथ साथ अडानी ग्रीन एनर्जी में निवेश किया हुआ है, तो यह समय है सतर्कता बरतने का। बड़े म्यूचुअल फंड्स द्वारा हिस्सेदारी घटाना एक संकेत हो सकता है कि आने वाले समय में अदानी ग्रीन एनर्जी के शेयर में कुछ अस्थिरता देखने को मिल सकती है। हालांकि, दीर्घकालीन निवेशकों को ग्रुप की क्लीन एनर्जी रणनीतियों पर नजर बनाए रखनी चाहिए। स्टॉक अच्छा है, और तिमाही Q4FY25 नतीजे भी काफी अच्छे रहे हैं, साथ ही कंपनी अपने विस्तार पर फोकस कर बड़ी डील कर रही है। इसलिए अदाणी ग्रीन में निवेश करना अच्छा है।
Adani Green Energy: क्या अदाणी ग्रीन एनर्जी एक अच्छी खरीद है? दाव लगाने से पहले जान ले सच्चाई
डिस्क्लेमर: adani green energy से जुड़ा यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है। इसमें दी गई कोई भी जानकारी निवेश सलाह नहीं मानी जानी चाहिए। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन होता है। निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें। लेखक या प्रकाशक किसी भी प्रकार की वित्तीय हानि के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।