India-UK FTA: भारत-ब्रिटेन के बीच हुआ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट, जानें इससे Green Energy Stocks को कैसे होगा फायदा, किन शेयरों को मिलेगा बूस्ट

भारत-ब्रिटेन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से ग्रीन एनर्जी सेक्टर को क्या फायदे होंगे? जानिए इस समझौते से किन शेयरों में आ सकती है तेजी और यह भारत के green energy sector लिए कितना महत्वपूर्ण है।


India-UK FTA, नई दिल्ली, 8 मई 2025: भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बीच हाल ही में मुक्त व्यापार समझौता या फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) हुआ। दोनों देशों के बीच हुए इस India uk free trade agreement के चलते दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों ने नई उड़ान भरी है।

बता दें कि, India uk free trade agreement पर दोनों देशों ने हामी भरी, जिसके बाद इस समझौते को 6 मई, 2025 को अंतिम रूप दिया गया। इस एग्रीमेंट से दोनों देशों के कई प्रमुख सेक्टरों को सीधा फायदा पहुंचने वाला है। बता दें कि, यह समझौता खास तौर पर भारत के ग्रीन एनर्जी सेक्टर के लिए एक गेम-चेंजर साबित होने वाला है। इस समझौते से नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में व्यापार, निवेश और सहयोग को बढ़ावा मिलने वाला है, जिससे कई भारतीय कंपनियों के शेयरों में जैसे adani green energy, Tata Power, Inox Wind, NHPC, KPI Green Energy आदि में उछाल आने की संभावना है। आइए, जानते हैं कि यह India-UK FTA ग्रीन एनर्जी सेक्टर को कैसे फायदा पहुंचाएगा और किन शेयरों को मिलेगा बूस्ट।

India uk free trade agreement में क्या है खास?

India uk free trade agreement का मकसद 2030 तक दोनों देशों के बीच के व्यापार को 100 बिलियन डॉलर तक ले जाने का है। इस इंडिया यूके फ्री ट्रेड एग्रीमेंट समझौते के तहत 99% व्यापारित वस्तुओं पर टैरिफ (आयात शुल्क) को दोनों देशों ने मिलकर खत्म कर दिया है।

भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौता (FTA), जिसे 6 मई 2025 को दोनों देशों ने मिलकर अंतिम रूप दिया है, इस समझौते के तहत यूके ने उनके यहां पर Import होने भारतीय समानों पर लगने वाले वाले टैरिफ को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। जिसमें Renewable Energy Products जैसे Solar Modules और wind turbine प्रमुख रूप से शामिल हैं।

भारत ने भी यूके से आयात होने वाले 90% समान पर लगने वाला टैरिफ पूरी तरह से खत्म कर दिया है। भारत ने इस समझौते के तहत बताया कि, भारत ब्रिटेन से आने वाले 85% समान पर लगने वाला टैरिफ अगले 10 साल में पूरी तरह से खत्म करेगा।

इस एग्रीमेंट से बाकी सेक्टरों की तरह ही रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर को भी फायदा होने वाला है। इस समझौते के तहत भारत सौर पैनल, पवन टरबाइन और अन्य ग्रीन एनर्जी उत्पादों का व्यापार यूके में आसानी से और सस्ते में कर पाएगा। इसी तरह यूके भी अपनी टेक्नोलॉजी और अन्य ग्रीन एनर्जी से जुड़े उत्पाद आसानी से और कम दाम पर भारत को एक्सपोर्ट कर पाएगा। यह समझौता दोनों देशों के शून्य कार्बन उत्सर्जन (नेट जीरो) लक्ष्यों को हासिल करने में भी दोनों देशों को मदद करेगा।

India-UK FTA: रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर को मिलेगी 85% टैरिफ छूट

इंडिया यूके फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से जहां बुने हुए परिधानों के एक्सपोर्ट को 9%, कालीन इंडस्ट्री को भी 8%, ऑटो कंपोनेंट सेक्टर को भी 8%, समुद्री उत्पाद और ऑर्गेनिक केमिकल्स को 8% टैरिफ ड्यूटी से राहत मिलेगी, वहीं रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर अर्थात ग्रीन एनर्जी सेक्टर को 64% टैरिफ ड्यूटी से तत्काल राहत मिलने वाली है।

रिन्यूएबल एनर्जी उपकरणों के लिए विशेष रूप से, टैरिफ में 64% लाइनों पर तत्काल छूट दोनों देशों के सहमति से लागू होने वाली है, जो दोनों देशों के अपने रिन्यूएबल एनर्जी लक्ष्य को जल्दी पूरा करने में मदद करेगी। 2022 के आंकड़ों के अनुसार £1.9 बिलियन (लगभग $2.4 बिलियन) के यूके निर्यात को कवर करती है। इसका मतलब है कि रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर को तुरंत 64% टैरिफ-मुक्त पहुंच मिलेगी, जो दस वर्षों में बढ़कर 85% हो जाएगी।

India uk free trade agreement से ग्रीन एनर्जी सेक्टर को कैसे मिलेगा फायदा?

वर्तमान में, भारत का Solar Modules और wind modules का इंपोर्ट लगभग $2 बिलियन (2000 मिलियन डॉलर) सालाना है, इसमें से अधिकांश इंपोर्ट अमेरिका को जाता है। भारत और यूके में बहुत कम इंपोर्ट एक्सपोर्ट होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि, India-UK FTA समझौते से यूके बाजार में नए अवसर खुलने की उम्मीद है, जिससे भारत के लिए रिन्यूएबल एनर्जी निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। हालांकि सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, विशेषज्ञों का अनुमान है कि रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर, विशेष रूप से सौर और पवन उपकरण, भारत के इंजीनियरिंग निर्यात का हिस्सा है, जो वर्तमान में $4 बिलियन (4000 मिलियन डॉलर) प्रति वर्ष है। इस FTA के कारण इंजीनियरिंग निर्यात, जिसमें रिन्यूएबल एनर्जी उत्पाद शामिल हैं, उसमें लगभग $1 बिलियन (1000 मिलियन डॉलर) की अतिरिक्त वृद्धि हो सकती है। जिसका सीधा फायदा भारतीयों ग्रीन एनर्जी कंपनीयों को हो सकता है।

India uk free trade agreement से भारत का यूके को Solar Modules और wind modules का एक्सपोर्ट वर्तमान $2 बिलियन से बढ़कर लगभग $2.5-$3 बिलियन (2500-3000 मिलियन डॉलर) तक पहुंच सकता है।

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भारत-यूके FTA से ग्रीन एनर्जी सेक्टर को कई तरह से फायदा होगा:

निर्यात में बढ़ोतरी: भारत के सौर मॉड्यूल और पवन टरबाइन दुनिया भर में काफी अच्छे माने जाते हैं, लेकिन भारी भरकम टैरिफ के चलते इसका एक्सपोर्ट काफी कम होता है। India uk free trade agreement के बाद भारतीय सौर मॉड्यूल और पवन टरबाइन निर्माता कंपनियां अपने उत्पाद अब यूके के बाजार में आसानी से पहुंच सकेंगे।

नए बाजार का फायदा: जैसा कि, हमने पहले जिक्र किया कि, भारत वर्तमान में हर साल 2 बिलियन डॉलर के सौर मॉड्यूल और पवन टरबाइन दुनिया भर में निर्यात करता है, लेकिन इसमें से सबसे ज्यादातर निर्यात अमेरिका को जाता है। लेकिन अब इस समझौते से भारतीय ग्रीन एनर्जी कंपनियों के लिए यूके एक नया और बड़ा बाजार बन सकता है, जिससे भारतीय ग्रीन एनर्जी कंपनियों की आय बढ़ेगी।

निवेश और सहयोग: India-UK FTA समझौते के बाद इंग्लैड की कंपनियां भारत के 38 बिलियन पाउंड (लगभग 40 लाख करोड़ रुपये) के ग्रीन एनर्जी खरीद बाजार में आसानी से निवेश कर पाएगी। इससे भारत में सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं को नई तकनीक और फंडिंग मिलेगी। जिसका फायदा भारतीय ग्रीन एनर्जी से जुड़ी कंपनियों को भी मिलेगा।

तकनीकी आदान-प्रदान: India uk free trade agreement के बाद यूके की कंपनियां अपनी उन्नत नवीकरणीय ऊर्जा तकनीकों को भारतीय ग्रीन एनर्जी सेक्टर से जुड़ी कंपनियों के साथ साझा करेंगी, जिससे भारतीय कंपनियों की उत्पादन क्षमता और क्वालिटी बढ़ेगी।

नौकरी सृजन और बुनियादी ढांचा विकास: इस समझौते से ग्रीन एनर्जी परियोजनाओं में निवेश बढ़ना तय है, दोनों देश अपने ऊर्जा जरूरतों को Renewable energy में बदलना चाहते है और बाकी देशों पर से अपनी निर्भरता कम करना चाहते हैं। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारत में रोजगार के अवसर पैदा होंगे और नवीकरणीय ऊर्जा बुनियादी ढांचे का विकास होगा और इसे पूरा करने में यह FTA समझौता सहायक साबित होगा।

शून्य कार्बन लक्ष्य को समर्थन: भारत ने 2030 तक अपनी कुल ऊर्जा जरूरत में से 50% ऊर्जा नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त करने का जो ख्वाब देखा है और यूके ने जो 2050 तक नेट जीरो लक्ष्य का ख्वाब देखा है उसे पूरा करने में uk India free trade agreement मददगार साबित होगा। अपने रिन्यूएबल एनर्जी लक्ष्य को पूरा करने के लिए दोनों देशों ने एक विशेष सततता उपसमिति भी बनाई गई है, जो पर्यावरणीय लक्ष्यों को ट्रैक करेगी।

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किन ग्रीन एनर्जी शेयरों को मिलेगा बूस्ट?

India-UK FTA से कई भारतीय ग्रीन एनर्जी कंपनियों के शेयरों में आने वाले समय में तेजी देखने को मिल सकती है। भारत की जो कंपनियां सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी हैं उन्हें इस समझौते से सीधे फायदा होने वाला है। और यूरोप में अपनी पकड़ जमाने में भी मदद मिलने वाली है। जिन प्रमुख कंपनियों को इस uk India free trade agreement से सीधा लाभ होने वाला है वे कंपनियां:

Tata Power Company Limited

  • फोकस: सौर और पवन ऊर्जा generation, transmission, and distribution.
  • लाभ: ब्रिटेन के ग्रीन एनर्जी बाजार में सौर मॉड्यूल और पवन टरबाइन के निर्यात से आय में वृद्धि संभव। साथ ही ब्रिटेन की कंपनियों के साथ तकनीकी सहयोग से उत्पादन क्षमता बढ़ेगी।
  • हाल की स्थिति: टाटा पावर के शेयर में हाल ही में गिरावट का दौर जारी है, लेकिन इस समझौते tata power के शेयरों में उछाल आने की संभावना है।

Adani Green Energy Limited

  • फोकस: भारत में सौर और पवन ऊर्जा क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक।
  • लाभ: यूके के नए बाजार में पहुंच से इस कंपनी का निर्यात के साथ साथ राजस्व भी बढ़ेगा। कंपनी की मौजूदा 10 गीगावाट क्षमता को और विस्तार मिलेगा।
  • हाल की स्थिति: अदानी ग्रीन के शेयरों में हाल ही में 1.5% की तेजी देखी गई, और FTA से शेयरों में यह रुझान और मजबूत हो सकता है।

INOX WIND LTD

  • फोकस: पवन टरबाइन निर्माण और स्थापना की प्रमुख कंपनी।
  • लाभ: India-UK FTA समझौते से ब्रिटेन में पवन टरबाइन के निर्यात में वृद्धि हो सकती जिससे INOX WIND कंपनी की आय बढ़ेगी। आयत शुल्क जीरो होने से कंपनी को यूके से मांग और नए ऑर्डर मिल सकते हैं।
  • हाल की स्थिति: Inox Wind के शेयर हाल ही में 2.25% बढ़कर ₹168.50 पर पहुंचे, जो FTA के सकारात्मक प्रभाव को दर्शाता है।

Orient Green Power Company Limited

  • फोकस: पवन ऊर्जा निर्माण की प्रमुख।
  • लाभ: यूके से निवेश और ऑर्डर से कंपनी की परियोजनाओं का विस्तार होगा।
  • हाल की स्थिति: कंपनी के शेयर छोटे निवेशकों के बीच लोकप्रिय हैं, और FTA से इनमें तेजी की उम्मीद है।

NHPC Limited

  • फोकस: सौर और पवन ऊर्जा के साथ हाइड्रो-इलेक्ट्रिक परियोजनाएं।
  • लाभ: निर्यात और यूके के साथ सहयोग से कंपनी की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा मिलेगा।
  • हाल की स्थिति: एनएचपीसी के शेयर स्थिर हैं, लेकिन FTA से इनमें सकारात्मक रुझान देखा जा सकता है।

KPI Green Energy Limited

  • फोकस: सौर ऊर्जा परियोजनाओं का विकास और रखरखाव।
  • लाभ: सौर मॉड्यूल के निर्यात में वृद्धि से कंपनी की आय और बाजार हिस्सेदारी बढ़ेगी।
  • हाल की स्थिति: KPI Green Energy के शेयर हाल ही में छोटे निवेशकों के लिए आकर्षक रहे हैं।

Green energy share में निवेशकों के लिए क्या है मौका?

भारत और ब्रिटेन के बीच हुए फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के तहत भारत सौर पैनल, पवन टरबाइन और अन्य ग्रीन एनर्जी उत्पादों का व्यापार यूके में आसानी से और सस्ते में कर पाएगा जिससे भारत के ग्रीन एनर्जी कंपनियों के साथ साथ निवेशकों के लिए भी यह एक सुनहरा मौका है। विशेषज्ञों का मानना है कि, भारत और ब्रिटेन के बीच हुए इस India UK free trade agreement के चलते भारत के green energy sector में बूस्ट आ सकता है और इस सेक्टर से जुड़ी Solar और Wind Energy की कंपनियों के शेयरों में आने वाले समय में अच्छी तेजी देखने को मिल सकती है। खास तौर पर, Tata Power और Adani Green Energy जैसे इस क्षेत्र के बड़े खिलाड़ी लंबी अवधि के निवेश के लिए आकर्षक हो सकते हैं, जबकि Inox Wind और KPI Green Energy और Waaree energy जैसे छोटे शेयरों में भी तेज उछाल देखा जा सकता है।

हालांकि, निवेशकों को बाजार के जोखिमों और कंपनी की वित्तीय स्थिति का विश्लेषण करने के बाद ही निवेश किसी भी green energy share निवेश करना चाहिए। साथ ही, FTA के कार्यान्वयन और टैरिफ शेड्यूल पर बारीकी से नजर रखना जरूरी होगा।

क्षेत्रीय प्रभाव: महाराष्ट्र को कैसे फायदा?

India UK free trade agreement के फायदे भले ही हमें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देखने को मिल रहे हो लेकिन, इसके लाभ क्षेत्रीय लेवल भी देखने को मिल सकते है। खास तौर उन क्षेत्रों में में जहां पर सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाएं बड़े पैमाने पर चल रही हैं, जैसे महाराष्ट्र राज्य। ऐसे राज्यों को इस FTA Agreement से खासा फायदा होने वाला है। ऐसे राज्यों में सस्ते दाम पर निवेश के साथ साथ रोजगार और अपनी ग्रीन एनर्जी ढांचे का विकास होगा।

निष्कर्ष

बता दें कि, India UK free trade agreement भारत के प्रमुख ग्रीन एनर्जी सेक्टर के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है। यह समझौता न केवल भारतीय कंपनियों को यूके के बाजार में नई संभावनाएं देगा, बल्कि भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को हासिल करने में भी मदद करेगा। टाटा पावर, अदानी ग्रीन एनर्जी, इनॉक्स विंड, ओरिएंट ग्रीन एनर्जी, एनएचपीसी, और केपीआई ग्रीन एनर्जी जैसी कंपनियां इस समझौते से सबसे ज्यादा फायदा उठाने की स्थिति में नजर आती हैं। निवेशकों के लिए यह एक बड़ा मौका है, लेकिन सावधानीपूर्वक स्थिति का विश्लेषण करना जरूरी है।

स्रोत:

Livemint: “India-UK FTA a shot in the arm for India’s green energy manufacturing space”

UK Government: “UK-India Free Trade Deal: A Deal for Growth”

 

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