Adani Green Energy Share Rise Pump Storage News: आज अदानी ग्रीन एनर्जी के शेयरों में अचानक 3% तक की तेजी देखने को मिली। पिछले कई हफ्तों से चर्चा रहने वाले इस शेयर में अचानक रैली आना लाजमी था। लेकिन आज यह रैली क्यों आई इसके बारे में कही खास जानकारी नहीं मिल नहीं रही थी। फिर कई मशक्कत के बाद एक न्यूज गूगल न्यूज पर दिखाई दी। और जब उसे पढ़ा तब पता चला कि, इस खबर के कारण आज अदानी ग्रीन एनर्जी के शेयरों में उछाल आया। दअरसल खबर कुछ यू थी कि, कंपनी 2032 तक 51 गीगावाट पंप स्टोरेज परियोजना का हिस्सा बनने जा रही है।
क्या है adani Green Energy से जुड़ी यह खबर
दरअसल खबर कुछ यू है कि, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA) की नई रिपोर्ट सामने निकल कर आई। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि, ग्रीनको, अदानी ग्रीन एनर्जी और JSW एनर्जी ये तीनों मिलकर 2032 तक देश में 51.24 गीगावाट की पंप स्टोरेज क्षमता विकसित करने वाले हैं। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि, अब तक देश में कुल पंप स्टोरेज क्षमता महज 5 गीगावाट से भी कम है, इससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि, आने वाले सालों में ऊर्जा स्टोरेज में भारत इन कम्पनियों के भरोसे कितनी बड़ी छलांग लगने वाली है।
कौन कितनी पंप ऊर्जा स्टोरेज क्षमता बनाएगा?
- ग्रीनको ग्रुप सबसे आगे है, जो अकेले 13.2 गीगावाट की क्षमता विकसित करेगा।
- अडानी ग्रीन एनर्जी करीब 11.4 गीगावाट और
- जेएसडब्ल्यू एनर्जी लगभग 7.7 गीगावाट पंप स्टोरेज बनाएगा।
यानी इस महत्वाकांक्षी योजना में अकेले Adani Green Energy का हिस्सा 11.4 गीगावाट का है और यही खबर थी, जिसके चलते आज अदानी ग्रीन एनर्जी शेयर प्राइस 3 फीसदी उछले।
क्या है पंप स्टोरेज और क्यों है ये अहम?
अब बहुत से लोगों को इस स्टोरेज के बारे में जानकारी नहीं होगी कि, ये पंप स्टोरेज क्या है और क्यों है ये अहम? आइए जानते हैं-
पंप स्टोरेज एक ऐसी ऊर्जा तकनीक है जो पानी और गुरुत्वाकर्षण की मदद से बिजली को स्टोर और रिलीज करती है। यह सिस्टम तब बेहद कारगर होता है जब देश में बड़ी मात्रा में सौर और पवन ऊर्जा को ग्रिड में शामिल किया जा रहा हो। Adani Green जैसे कंपनियों के इस क्षेत्र में उतरने से भारत की ऊर्जा सुरक्षा और स्थिरता को मजबूती मिलेगी।
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निवेशकों को मिला भरोसा, शेयरों में आई रौनक
यह इतनी बड़ी योजना ऐसे समय में सामने आई, जब देश में कुल पंप स्टोरेज क्षमता महज 5 गीगावाट से भी कम है। इसका अनुमान हम इससे लगा सकते हैं कि, यह परियोजना मौजूदा स्टोरेज क्षमता से 10 गुणा अधिक है। और इसकी प्रमुख दूसरी सबसे बड़ी कंपनी adani green energy होने के कारण इसने निवेशकों का ध्यान खींचा।
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि इतनी बड़ी परियोजना में अदानी ग्रीन की भागीदारी निवेशकों के लिए एक भरोसे का संकेत है। कंपनी का ध्यान अब सिर्फ सौर और पवन ऊर्जा से आगे बढ़कर दीर्घकालिक भंडारण क्षमता की ओर है, जिससे कंपनी के रेवेन्यू मॉडल में स्थिरता आ सकती है। सीईए के अनुसार, 2032 तक 39 परियोजनाओं को चालू करने की योजना है, जिनमें से 10 गीगावॉट पहले से ही निर्माणाधीन हैं।
तो यह थी वो खबर जिसके न सिर्फ adani green energy share 3% चढ़े बल्की इसी खबर के चलते JSW Energy Share भी 2% चढ़े थे। अभी दोनों शेयर क्रमशः 2.44% और 1.67% तेजी के साथ बंद हुए हैं।
सोर्स: इंडियन एक्सप्रेस,