अमेरिका में सोलर सब्सिडी खत्म करने के प्रस्ताव से Waaree Energies के शेयर आज बुधवार 18 जून को 3% से अधिक लुढ़के, दो दिन में वारी एनर्जीज के शेयरों में 7% से अधिक की गिरावट दर्ज। निवेशकों में घबराहट और लगातार दूसरे दिन गिरावट।
Waaree Energies Crash: पहले ही कुछ दिनों से ईरान इजराइल कॉन्फ्लिक्ट के चलते शेयरों में गिरावट का दौर चल रहा है। जिससे Waaree Energies भी अछूती नहीं थी और अब वारी एनर्जीज को एक और बड़ा झटका अमेरिका की तरफ से लगा है। खबर आई है कि, अमेरिका में सोलर और विंड एनर्जी को मिलने वाली टैक्स सब्सिडी को 2028 तक पूरी तरह खत्म करने की योजना बनाई है। जैसे ही ये खबर बाजार में आई, वैसे ही आज 18 जून 2025 को Waaree Energies के शेयर को करारा झटका लगा। आज बुधवार 18 जून 2025 को इस खबर के बाद Waaree Energies के शेयर में 3% से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई, जो लगातार दूसरे दिन की सबसे बड़ी गिरावट है।
ग्रीन एनर्जी पर मिलने वाली टैक्स छूट 2026 तक घटाकर 60% कर दी गई है
देश की दिग्गज कंपनी Waaree Energies ने हाल ही में अमेरिका में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट शुरू की थी, जिससे उम्मीद की जा रही थी कि कंपनी की इंटरनेशनल पकड़ और मजबूत होगी और कंपनी के मुनाफे में भी रिकॉर्ड बढ़ोतरी होगी, लेकिन अब शायद ऐसा नहीं हो सकता ऐसा लग रहा है। क्योंकि अब अमेरिकी सीनेट की एनर्जी पैनल ने जो प्रस्ताव रखा है, उसके अनुसार 2026 तक सोलर पैनल और विंड एनर्जी पर दी जाने वाली टैक्स इंसेंटिव छूट को घटाकर 60% कर दिया जाएगा और 2028 तक इसे पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा। मतलब ये प्रस्ताव सीधे तौर पर Waaree Energies जैसी कंपनियों के मुनाफे पर वार करने वाला है।
टैक्स इंसेंटिव छूट को खत्म करने का असर अमरीकी कंपनियों पर भी पड़ रहा है
टैक्स इंसेंटिव छूट को खत्म करने के प्रस्ताव का न केवल वारी एनर्जीज पर पड़ने वाला है बल्कि इसका असर अमरीकी कंपनियों पर भी पड़ने वाला है। जैसे वारी एनर्जीज शेयर वॉल स्ट्रीट के सोलर सेक्टर की कंपनियों की तर्ज पर गिरता दिखा। वैसे ही अमेरिका की सोलर पैनल निर्माता कंपनी Sunrun जैसी बड़ी कंपनियों के शेयरों में भी गिरावट आई।
अमेरिकी कंपनी Sunrun के शेयरों में तकरीबन 40% तक की गिरावट आई है, वहीं First Solar में करीब 18% तक की गिरावट आई है। इसी ट्रेंड को फॉलो करते हुए वारी एनर्जीज शेयर भी सुर्खियों में है, लेकिन गलत वजहों से।
वारी एनर्जीज के पास अभी फिलहाल 47,000 करोड़ का ऑर्डर बुक है जिसमें से 57% ऑर्डर बाहर का है और उसमें से भी 70% तक ऑर्डर अमेरिका का है। यानी कंपनी की अमेरिका में बड़ी मौजूदगी है। साथ ही कंपनी ने टेक्सास के ब्रूक्सशायर में पीवी मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी शुरू कर दी है और ऐसा करने वाली वारी एनर्जीज भारत की पहली कंपनी बनी है। लेकिन अब इस प्रस्ताव के बाद वारी एनर्जीज का ये निवेश घाटे का सौदा बनता नजर आ रहा है।
आज waaree energies share में 3.56% की गिरावट दर्ज की गई
अमेरिका की ओर से आए इस खबर के बाद आज बुधवार 18 जून को waaree energies share में 3.56% की गिरावट दर्ज की गई। कल भी शेयर में 3.37% की गिरावट दर्ज की गई थी। यानी दो दिन में शेयर 7% से अधिक लुढ़क चुका है। पिछले पांच दिनों में Waaree Energies के शेयर में 5.5% तक लुढ़के हैं और एक महीने में लगभग 8% तक लुढ़के हैं। पिछले एक साल की बात करें तो, पिछले एक साल में Waaree Energies ने 16% का रिटर्न दिया। अब हालत कुछ यू है कि, Waaree Energies share अपने 52-वीक हाई ₹3743 से करीब 27% नीचे ₹2691 पर कारोबार कर रहा है। Waaree Energies share की आज की ओपनिंग ₹2770 थी और कल का शेयर का बंद ₹2889.10 था।
सब्सिडी रद्द करने की लिस्ट में वारी एनर्जीज सबसे ऊपर
वारी एनर्जीज के शेयरों में इन दिनों जो दबाव बन रहा है इसके पीछे की एक वजह ये भी है कि, सब्सिडी रद्द करने की लिस्ट में वारी एनर्जीज सबसे ऊपर है। और सबसे ज्यादा नुक्सान इसी को होने वाला है। सीनेट पैनल की रिपोर्ट के अनुसार हाइड्रोपावर, न्यूक्लियर और जियोथर्मल सेक्टर को राहत मिलेगी, लेकिन सोलर और विंड पर कुल्हाड़ी चलाने का पूरा मन सीनेट पैनल बना चुका है।
बता दें कि, Waaree Energies एक बहुप्रतिष्ठित कंपनी है। क्योंकि इसने भारत में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई है। लेकिन अब जिस तरह से डोनाल्ड ट्रंप के शासन काल में अमेरिका की नीति बदल रही है, उससे साफ है कि, वारी एनर्जीज को रणनीतिक तौर पर अपनी योजनाओं में बदलाव करना होगा। नहीं तो कंपनी के प्रॉफिट मार्जिन को बड़ा झटका लग सकता है।
एक्सपर्ट ने भी चिंता जाहिर की है
मनी कंट्रोल के रिपोर्ट के मुताबिक, एक्सपर्ट्स इस प्रस्ताव पर चिंता जाहिर कर रहे हैं। उनका मानना है कि, है कि अगर अमेरिकी सीनेट और हाउस दोनों इस प्रस्ताव को पारित करते हैं, तो अमेरिकी सोलर इंडस्ट्री को गहरा झटका लगेगा। इस सेक्टर पर पहले से ही बढ़ती टैरिफ और ऊंची ब्याज दरों का दबाव है। और ऐसे ये प्रस्ताव आना इस सेक्टर के लिए बड़ी मुसीबत खड़ा करेगा। उम्मीद है कि सीनेट इस बिल को 4 जुलाई से पहले पारित कर हाउस में वापस भेज देगी।
बता दें कि, इस खबर के बाद निवेशकों को भी डर सताने लगा है कि, क्या अब वारी एनर्जीज की कहानी अमेरिका से खत्म होने वाली है? क्या कंपनी की ग्रोथ में इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद ब्रेक लग जाएगा और सबसे बड़ा सवाल – क्या Waaree Energies के शेयर से अब बाहर निकल जाना चाहिए?
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अंत में,
वारी एनर्जीज शेयर को अमेरिकी सब्सिडी कटौती के फैसले से गहरा धक्का लगा है। यह खबर केवल Waaree Energies को ही नुकसान नहीं पहुंचाएगी बल्कि Premier Energies को भी नुकसान पहुंचाएंगी। क्योंकि दूसरा सबसे बड़ा एक्सपोर्ट करने वाली कंपनी Premier Energies है। इस परास्त के बाद आगे कंपनी कैसे रिस्पॉन्ड करती है, इस पर निवेशकों की नजर टिकी रहेगी। लेकिन फिलहाल Waaree Energies के लिए हालात वाकई ‘सोलर शॉक’ से कम नहीं हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख GreenEnergyShare.in पर निवेशकों को जानकारी देने के लिए है। Waaree Energies Share में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें। शेयर मार्केट में निवेश जोखिमों के अधीन है।